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मैं कलम से शब्दों में समेट नहीं सकती मां को, जिन्होंने जन्म दिया बड़ा किया। आज लेखनी की हकदार है वो, जो बन पाई मैं कुछ थोड़ी बहुत, मेरे मेहनत है ...