चोटी की पकड़–8

121 Part

19 times read

0 Liked

तीन ब्याह के बाद जागीरदार राजा राजेंद्रप्रताप कलकत्ता गए।  आवश्यक काम था। जमींदारों की तरफ से गुप्त बुलावा था। सभा थी। मध्य कलकत्ता में एक आलीशान कोठी उन्होंने खरीदी थी। ऐशो-इशरत ...

Chapter

×