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दूसरों की तरह राजेंद्रप्रताप ने भी दावत दी। कोठी सजी। कलकत्ता के और वहाँ आए हुए बंगाल के ज़मींदार आमंत्रित हुए। निमंत्रण-पत्र में लिखा गया, राजकुमारी के ब्याह की दावत है। ...