चोटी की पकड़–24

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नसीम आँखें फाड़कर देखने लगी। "दोस्त और दुश्मन सबके होते हैं। सरकार तहकीकात कर रही है। वक्त पर दूध और पानी अलग कर देगी।" नसीम ने ललित स्वर से कहा, "क्या ...

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