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कविता - जीवन है अनसुझी पहेली हे! मां आकर मुझे बताओ यह मुझे समझ ना आए क्यों? सब क्यों उलझा उलझा लगता यह कोई ना समझाए क्यों? पूछो पूछो पुत्र सयाने ...