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"वो" चाय पार्टी मेरे जीवन का अमूल्य अंग बन गई उस चाय पार्टी में एक शोख हसीना से आंखें लड़ गईं उसके गोरे मुखड़े पे काली काली लटें बहुत फब रही थीं ...