चोटी की पकड़–44

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बुआ ने दो दफ़े और प्रणाम किया और वहीं गिर गईं। मुन्ना दासी का काम करने लगी। पानी ले आई, मुँह में छींटे लगाए, फिर पंखा झलती रही। एक अरसे के ...

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