चोटी की पकड़–68

121 Part

52 times read

0 Liked

"प्रभाकर ही आपसे मिलेगा।" राजा साहब को ताल कटती हुई-सी जान पड़ी। हृदय में कोई रो उठा, मगर बैठे रहे। प्रभाकर ने बिदा माँगी। देर हो गई थी। उसके साथी अभी ...

Chapter

×