1 Part
352 times read
15 Liked
प्रतियोगिता हेतु गीत तापमान सूरज का बढ़ता, जिसमें देखी जलती दुनिया। धीरे धीरे हमने देखी, कितने रंग बदलती दुनिया।। भूल रहे हैं संस्कार सब, खोया जैसे भाईचारा। तापमान की तरह बढ़ा ...