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हे माधव मदनमुरारी अब हरो कष्ट मेरे भारी ये विनती सुनो हमारी एक झलक दिखा दो प्यारी। मैं दूर देश का वासी तेरे दर्शन का अभिलाषी हे करुणामय अविनाशी हर लो ...