नीरद ने मुख गम्भीर करके एक दिन ऊर्मि से कहा, 'देखो ऊर्मि, कुछ बुरा न मानना। क्या करूँ बताओ, तुम्हारा दायित्व मुझपर है इसीलिये कर्तव्य समझकर अप्रिय बात कहनी पड़ती है। ...

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