सबके लिए उदार

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प्रतियोगिता हेतु  दोहा मन में भरी उदारता, और देश का नेह। धर्म सनातन पालता, होगा नि:संदेह।। छूटे   नहीं    उदारता, चाहे   जाए   जान। होता है इस जगत में, ऐसा व्यक्ति महान।। ...

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