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रफ़्ता रफ़्ता ये साँसे दफ़्न होती है, कुछ इस तरह ज़िंदगी ख़त्म होती है। साँसे भी बोझ लगने लगती है एक रोज़, कुछ रिश्तों में ऐसी घुटन होती है।। ...