चोटी की पकड़–80

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खुली, हवादार खिड़कियों के एक बगल पलँग बिछा है, मशहरी लगी है। एक बड़ी मेज़ लगी है; काठ की; मगर अच्छी, कई कुर्सियाँ चारों ओर से रखी हैं।  दो आलमारियाँ हैं ...

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