1 Part
247 times read
9 Liked
हृदय के तार झंकृत होते प्रियतम की मैं राह निहारूँ पथ में बिछा कर पुष्प अनेक प्राणों का हर तार है गाता मन में भरा उन्मुक्त अनुराग आँखें सजल स्वयं ही ...