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अब तक आपने पढा: अहाना- गुस्से से आकाश की ऊंगलियों को अपने गाल से हटाते हुए कहती है। लेकिन मैं आकाश ,,,,,,, मैं तुमसे नफरत करती हूँ। सुन रहे हो तुम,,,,,, ...