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अंहकार मनुष्य का दुश्मन है मैं से चलें न दुनिया मैं से चमके न भाग्य मैं से किया अगर दोस्ती तो जागे फिर उसका दुर्भाग्य अंहकार मनुष्य का दुश्मन है। क्यों ...