उड़ान

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उम्र के आख़िरी पड़ाव पर  मुझे मिली पहचान है !  कोंई कहता कवि  कोंई समझता शायर हम घर के कवि  घर के ही शायर यह तुम्हारी मोहब्बतों की उड़ान है !  ...

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