अजनबी रातेँ २०-१४

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अजनबी रातेँ    २०/१४ ------------------------------------------ मेरी शामे अजनबी होने लगी,तन्हा कर तुम चले गये।  आ कर अजनबी से तुम कमल  दिल मे,रूठ कर कहाॅं चले गये।।  मुहब्बत नहीं हमने इबादत की ...

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