1 Part
122 times read
4 Liked
कविता ःझूलती मौत ★★★★★★★★★★ कभी बाढ़ का तांडव कभी सूखे का प्रकोप कहीं भूखमरी तो कहीं बीमारी न जाने कितने रुप धारती मौत बहरुपिया है ये महाठगिनी.. न जाने किस रुप ...