कविता ःःझूलती मौत

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कविता ःझूलती मौत ★★★★★★★★★★ कभी बाढ़ का तांडव कभी सूखे का   प्रकोप कहीं भूखमरी तो कहीं बीमारी न जाने कितने रुप धारती मौत बहरुपिया है ये महाठगिनी.. न जाने किस रुप ...

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