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क्या तुमने कभी प्रेम किया प्रेम-प्रीत की क्या हो डोर, जीवन दीप की नव भोर। वह राहों मिल जाना तेरा, जीवन का बन जाना पहरा। खुशियाँ मेरे दामन मे भरी, जीवन ...