कभी समझा नहीं

1 Part

294 times read

17 Liked

क्या तमन्ना है, क्या ख़्वाहिशें है कहाँ मंजिल है मेरी,  ये तो कभी जाना ही नहीं,,,,,,,,,,,,,     🍁🍁🍁🍁🍁🍁 जब समझा गाड़ी  स्टेशन से निकल चुकी थी पीछे मुड़कर वापस जाना संभव ...

×