रोटी का एक टुकड़ा

1 Part

288 times read

11 Liked

🙏🙏रोटी का एक टुकड़ा🙏🙏 वह लगभग नंगे बदन माँ को देख देख रो रही थी।  पास में ही पसीने से भीगी माँ रेती ढोरही थी।  माँ जैसे जैसे सीढियाँ चढ़ रही ...

×