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दैनिक प्रतियोगिता ( स्वैच्छिक) "बारिश की बूंदे" मेरे मन की तपती धरा पर शीतल जल बरसाना ए बारिश की बूंदों। 💦 तुम मचल कर आना। हे काले घन इस बार तुम ...