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खुशियां ही खुशियां होती थी इन बहारों में सिमट गया सब ,केवल एहसास ही कुछ बाक़ी हैं... तुझें भुलने की कोशिश हर बार की हैं मैंने कभी हो जाऊँगी कामयाब ये ...