शहर का सफर

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प्रतियोगिता हेतु  गज़ल बढ़ रहा धीरे धीरे जहर का सफर। गांव तक आ गया है, शहर का सफर।। एक चाहत अनोखी पली गांव में। इक नज़र ने किया , इक नज़र ...

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