मज़हबी भूख

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आज दिनांक ४.६.२३ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रस्तुत मेरी रचना , प्रतियोगिता हेतु: मज़हबी भूख : ---------------------------------------------- पलकों की कोरों पर आ कर ठहर गये जो दो आंसू ,यह  बर्बरता ...

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