श्रीमती गजानंद शास्त्रिणी–४

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शास्‍त्री जी ऊपर एकांत में दवा कूट रहे थे। आवाज पहचानकर बुलाया। मित्र ने पहुंचने के साथ देखा - खिजाब ताजा है। प्रसन्‍न होकर बोला, 'मेरी मानिए, तो वह ब्‍याह कराऊं, ...

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