श्रीमती गजानंद शास्त्रिणी–५

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हां, नहीं, कुछ न कहकर एकांत धार्मिक दृष्टि को परम सिद्ध पं. गजानन्‍द जी शास्‍त्री पलकों के अंदर करके बैठ रहे। इसी समय नौकर पान और मिठाई ले आया। शास्‍त्री जी ...

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