तेरी यादों की सौगात

1 Part

366 times read

20 Liked

ये कैसी तेरी यादों की सौगात है, ख़ुशी के लम्हें कम ग़मों की बारात  है, अब तो आँखें नम ही रहती हैं अक्सर, मुसलसल होती अश्क़ों की बरसात है।। ...

×