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नज्म -ऐ - हयात जुस्तुजू भी है नहीं, आरज़ू भी है नहीं। 'आशिक़ी भी है नहीं ,मौसीक़ी भी है नहीं।। ये सफ़र कुछ भी नहीं ,मंजिलें कुछ भी ...