1 Part
293 times read
15 Liked
भ्रमर बगिया में आहट अलिंद की, फिर कली मसल दी जाएगी। क्या कर पाएं फूल बेबस, ऋतु बसंत भी मुरझाएगी। सदियों से ये होता आया, आगे यही होता है क्यों?? कोई ...