लेखनी प्रतियोगिता -08-Jun-2023

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तमाम उम्र यूँ ही भ्रम में रहा इंसां,  साथ रहती ये इंसानी कश्मकश।  खाते फिरते जिंदगी से मात फिर,  कब सीखता संभलता है बेशक।  खबर  सबको यहां आए तन्हा, और एक ...

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