तही सा जाम तो था गिर के बह गया होगा

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तही सा जाम तो था गिर के बह गया होगा मिरा नसीब अज़ल में ही रह गया होगा है अहरमन से न मालूम क्यूँ ख़फ़ा यज़्दाँ ग़रीब कोई खरी बात कह ...

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