Kabar

1 Part

306 times read

8 Liked

टूटे हुए शिशे जैसा चूर हो गया हू,तुमे कया खबर कितना मजबूर हो गया हू ..    तेरी जूठी महोबत मे इतना डूबा,कि अपनो से दूर हो गया हू.. तेरे जाने ...

×