1 Part
283 times read
15 Liked
गीत(सखी री!) क्या बतलाऊँ तुझे सखी री! रात कटी थी अनबन में। बहुत मनाए सुने न साजन, रही विकलता तन-मन में।। मीठी-मीठी बातों से ही, रात भयंकर कट जाती। यदि बाहों ...