सपनों की दुनिया प्रतियोगिता हेतु

1 Part

190 times read

16 Liked

सपनों की दुनिया मौत सिरहाने बैठी थी, हम ख्वाब देख रहे थे कल के वो ज़िंदगी जो जीनी थी , काट रहे थे सो के मैं रात भर जगती रही, सपनों ...

×