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शीर्षक-पिता मेरे आराध्य पिता मेरे विधाता है, वही आराध्य कहलाते। उन्हीं से जग सदा सजता, उन्हीं से बाग महकाते।। कभी हम को हंसाते हैं, कभी हमको रुलाते हैं। हमारे लक्ष्य को ...