विश्वास

1 Part

306 times read

7 Liked

मैं तो इस दुनिया से अंजान थी बस अपने में मगन थी। ना किसी के आने की खुशी ना किसी के जाने का गम  बस खुद पर विश्वास और अपने लक्ष्य ...

×