अन्तिम रण

1 Part

304 times read

8 Liked

कह रहा है हर कण  अब हो अन्तिम रण हर बार किया प्रण  अब होगा अन्तिम रण बिन मौसम भी गरजा मौंसम में भी न बरसा ये कैसा है घन ये ...

×