भोर की लाली

1 Part

170 times read

25 Liked

भोर की लाली भोर की लाली चुभ रही लगती शूल समान गर्मी ऐसी पड़ रही त्राहि त्राहि हर जान जून महीना आ गया सूखे ताल तडाग मुरझाए सब पुष्प अब नहीं ...

×