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भोर की लाली *दोहे*(भोर की लाली) अति शुचि लाली भोर की,करती दिव्य प्रकाश। उदित सूर्य नित भोर का,करे रात्रि-तम नाश।। विमल अरुणिमा किरण की,है जीवन-आधार। इसके आते जगत ...