लेखनी प्रतियोगिता -22-Jun-2023

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दैनिक प्रतियोगिता स्वैच्छिक  कविता  *चेहरे पर चेहरा*🎭 *आज हर शख़्स मुखौटा लगाए बैठा है।*  चेहरे पर एक चेहरा चढ़ाए बैठा है।  क्या नेता क्या अभिनेता  हर एक झूठ पर ही ऐंठा ...

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