शिक्षा बदल गई

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बहती रही व्यथा आँख से,  अपनी पीड़ा किसे सुनाएँ। गुरु सम्मान मिला मिट्टी में,  वोटर के नौकर कहलाएँ। एक बड़ा तबका है शिक्षक,  संख्या उसकी भरी-भरी है। उसके बिना न कागज ...

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