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शीर्षक :ग़ज़ल दिल तड़पकर छलता जाए, वो सांसों में घुलता जाए। सूना सूना सा आलम है, वो अपनापन खोजा जाए। बाकी रहती बोली जग में, मुख से मीठा बोला जाए। दर्दे ...