गीत। ( ज़िंदगी )

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*गीत*(ज़िंदगी) है यद्यपि इस पल यह पतझर, कल बहार फिर आएगी। रात्रि-तिमिर से क्या घबराना- शुभ्र सुबह मुस्काएगी।। जीवन के चौखट पर हर-पल, सुख-दुख का पहरा रहता। एक जगे जब दूजा ...

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