खूब मुबारक ईद

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प्रतियोगिता हेतु  दोहा बकरे की अम्मा कहां , मना पाई है खैर। बेटे से करने लगा , अब मालिक ही बैर।। लहू  बहाने  से भला , कैसे   बने  मुरीद। बोलो क्या ...

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