खत तेरे नाम के,

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कितने खत लिखे थे नाम तुम्हारे, जो आज भी हैं पास हमारे। कितनी मन की बातें लिखीं थीं, तुम बिन कैसे कटी रातें लिखीं थी,    गवाह बने थे चाँद सितारे। ...

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