1 Part
287 times read
25 Liked
सरर सर बहती पवन जा री, पिय को दे संदेश, विरहन का मन क्लांत है री, आएँ अपने देश। झर झर-झर लगे सावन झड़ी, ये बरसे बरसात, दामिनी कड़के जिया धड़के, ...