अद्भुत संसार-प्रेम का

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अद्भुत संसार-प्रेम का अच्छा,तुम ही जीतीं  मुझसे, मैं मान रहा हूँ हार प्रिये। हार-जीत का अर्थ न कोई- दिल का अद्भुत संसार प्रिये।। प्रेम हार से कभी न थमता, वह निज ...

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