1 Part
252 times read
18 Liked
अद्भुत संसार-प्रेम का अच्छा,तुम ही जीतीं मुझसे, मैं मान रहा हूँ हार प्रिये। हार-जीत का अर्थ न कोई- दिल का अद्भुत संसार प्रिये।। प्रेम हार से कभी न थमता, वह निज ...